Pradhanmantri Bhartiya Janaushadhi Kendr || खोले जन औषधि केंद्र सरकार दे रही मौका, रोजगार कम पूंजी के साथ मिल रही ये खास सुविधा

खोले जन औषधि केंद्र सरकार दे रही मौका, रोजगार कम पूंजी के साथ मिल रही ये खास सुविधा!

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्रागपुर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन किया. उन्होंने इस अवसर पर बताया कि सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (Pradhanmantri Bhartiya Janaushadhi Kendra) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है.

बता दें कि जनऔषधि केंद्र यानी कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई स्कीम. इसके जरिये केंद्र सरकार लोगों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध करा रही है. केंद्र सरकार इस स्कीम के जरिए देश के कई हिस्सों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आम लोगों को प्रोत्साहित कर रही है.

कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र

जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार ने तीन तरह की कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, कोई डॉक्टर या पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट अस्पताल, स्वयं सहायता समूह आदि आते हैं. वहीं, तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसियां आती हैं.

कैसे होती है कमाई

जनऔघधि केंद्र खोलने पर दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाता है. इसके अलावा नॉर्मल और स्पेशल इंसेंटिव का भी प्रावधान है. नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में सरकार दवा की दुकरान खोलने में आने वाले खर्च को लौटा देती है.. इसमें दुकान में फर्नीचर पर आने वाले 1.5 लाख रुपए तक का खर्च और कंप्यूटर व फ्रिज आदि रखने में आने वाला 50 हजार रुपए तक का खर्च शामिल है. इसे मंथली बेसिस पर अधिकतम 15 हजार रुपए तक तक तब वापस किया जाता है, जबतक कि 2 लाख रुपए की रकम पूरी न हो जाए. यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, दिया जाता है.

यहां से डाउनलोड करें फॉर्म

जनऔषधि केंद्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जनऔषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. https://janaushadhi.gov.in/ से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. फॉर्म डाउनलोड करने के बाद आपको आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (एएंडएफ) के नाम से भेजना होगा.

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